Android – The Introduction
Android – The
Introduction
वर्तमान समय में Android
Platform केवल Mobile Phone या Tablets
में ही Use हो , ऐसा नहीं है |
वास्तव
में Android
Platform , Windows , Linux , Unix , Mac OS की तरह ही Mobile
जैसी छोटी Devices के लिए Develop किया गया एक Operating System है , जिसे किसी भी Digital
Devices में Platform की तरह Use किया जा सकता है |
इसलिए Android
Platform आधारित न केवल Mobile Phones व Tablet
व Tablet PCs आ रहें है , बल्कि Google
ने इसे Set Top Box व TVs में भी Add करना सुरु कर दिया है , जिसे Google
TV के नाम से जाना जाता है |
ठीक
इसी तरह से Android Platform को विभन्न प्रकार की
अन्य Digital Devices जैसाकि Cars , Airplanes व Robots में भी मुख्या Platform की तरह use किया जाने लगा है |
इसलिए ऐसा मान जा
सकता है की Android Platform को भविष्य में भी मूल
रूप से Small Screen Devices जैसे की Smart – Phones के लिए ही Develop किया जाने वाला है और ये स्थिति
एक Android Developer के रूप में हमारे लिए Advantage
भी है और कमी भी |
वर्तमान समय के Android
आधारित Smart – Phones काफी आकर्षित होते है
लेकिन 1990 के दसक के मध्य में Mobile Devices पर Internet Services Provide करने के लिए Handheld
Device Markup Language (HDML) का प्रयोग करना पड़ता है और इस HDML
द्वारा Provide की जाने वाली Internet
Services की Capabilities भी काफी Limited
हुआ करती थी | जबकि
वर्तमान समय के Phones काफी आसानी से Internet
Services से सम्बंधित Smart व Advance
Capabilities से युक्त होते
है और इसका मुख्य कारण है , Apple का iPhone है |
Apple Company द्वारा iPhone को एक ऐसी Smart Device के रूप में Develop किया गया था जिस पर Internet
द्वारा Provide की जाने वाली Services को उनकी पूर्ण क्षमता के साथ उसी तरह से
Use किया जा
सकता है , जिस तरह से उन्हें एक Computer System पर Use
किया जाता है |
इसलिए उस समय के Smart
Devices के Operating System की पहचाना और iOS
नाम का वह Operating System Develop किया
जिसने Apple के iPhone को एक Compute
की तरह ही Smart Internet Service
Device बना दिया |
लेकिन क्योंकि iOS
को मूल रूप से Apple Company द्वारा Develop
किया गया था और Apple Company अपनी सभी Devices
(Computer , Mobile , Tablet PC, Watch , Glass etc ) स्वयं बनाता है , इसलिए इन Devices के लिए उसके
द्वारा Develop किया गया iOS उसका
स्वंय का Intellectual Property है , जिसे
कोई भी अन्य Company अपने Device में Use
नहीं कर सकता था |
इसी जरुरत के
परिणाम के रूप में Android OS हमारे सामने है
, जो की पूरी तरह से iOS के समान ही Features Provide
कर सकता है लेकिन ये एक पूरी तरह से Open Source व Free Platform है , जिसकी वजह से इस Platform
को Use करते हुए कोई भी कंपनी Android
Platform पर आधारित नए Device बना सकता है |
वास्तव में Android
Platform को Apple के iPhone के Market में आने के कई सालों पहले 2003 से ही Android Inc. नाम की एक कंपनी द्वारा Develop
किया जा रहा था , जो कि Andy Rubin , Rich Miner , Nick
Sears व Chris White नाम के चार लोंगो की Joint Development Company थी और ये
लोग Mobile Phone के लिए नहीं बल्कि मूलतः Digital
Cameras के लिए एक Advance Operating System Develop कर रहे थे , लेकिन कुछ समय काम करने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि Digital
Cameras , वास्तव में Mobile Phone का एक Feature
मात्र रह जायेंगे | इसलिए
इस Developers
ने Digital Cameras के स्थान पर Smart
Mobile Phone के लिए Operating System Develop ने Digital Cameras करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर
दिया और जो Research Work इन्होंने Digital Cameras के लिए Advance Operating System बनाने हेतु किया था
, वो सारा Research Work के Mobile Phone का Operating System Develop करने में काम आ गया |
हालांकि इन लोगों
द्वारा Android
Platform के Development को पूरी तरह से Secret
Project कि तरह ही Develop किया जा रहा था ,
लेकिन 2005 में इन Developers की कंपनी
को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से इनका Secret Project ,
Secret नहीं रह गया और Google की नजर में आ
गया | गूगल को इस Android
Project का भविष्य उज्जवल दिखाई दिया क्योंकि Google ,
Mobile Market में Enter करना चाहता था जिसके लिए
उसे एक ऐसे ही Mobile Operating System कि तलाश थी |
परिणामस्वरूप
गूगल ने पुरे Android Inc . को उनके Developer
सहित 50 Million Dollars में अधिग्रहित कर
लिया |
गूगल ने कई
तरीकों से अपने Android OS के साथ Mobile
Market में प्रवेश करने कि कोशिश की, लेकिन किसी भी तरह से वह Mobile
Market में ज्यादा स्थान नहीं बना पाया , जबकि इसी दौरान Apple
के iPhone ने Launch होते ही जबरदस्त तरीके से Mobile
Market को Capture कर लिया , जिसका मूल कारण
ये था कि Apple अपने Devices स्वंय ही
बनाता था जबकि Android केवल एक Operating System या जिसके लिए अन्य कंपनीयों को Mobile Phone बनाने
पड़ते थे और मात्र इस Android OS के लिए कोई भी कंपनी Google को Pay करना नहीं चाहता था |
Mobile Market में प्रवेश करने के लिए गूगल ने कई तरीकों से और कई कंपनियों के साथ
विभन्न प्रकार के करार किए थे और iPhone के Launch के बाद Smart Mobile Device की जबरदस्त सफलता को
देखते हुए वे सभी कंपनियां आपस में मिली और Mobile जैसी Wireless
Devices हेतु Standard Operating System बनाने
के लिए एक Open Standard Define करने हेतु प्रेरित हुए ताकि
भविष्य में जीतने भी Devices बने , वे एक दूसरे के साथ आसानी
से Communicate कर सकें और जिस समय इस Open Standard के लिए दूसरे विभन्न कंपनियां
सम्मिलित हुई , उस समय तक गूगल Wireless Device से सम्बंधित
विभन्न प्रकार के ढेर सारे Patent Register करवा चूका था एक Standard
के रूप में Prototype की तरह Use किए हेतु सबसे उपयुक्त , Advance व Developed
OS था |
इस प्रकार से Apple
का iPhone , Android OS के Open Source
Standard Platform बनने की वजह बना और Apple के
iOS के Alternative के रूप में विभन्न Smart
Device बनाने वाली कंपनियों द्वारा Use किया
जाने लगा | परिणामस्वरूप iOS
आधारित Devices (Mobiel Phones , Tablets ,Tvs , Dish ,
Watch , Glass etc) न केवल Samsung , Song , HTC , MicroMax
, Karbonn जैसी Reputed Companies बनाती है ,
बल्कि कई China Companies भी सस्ते Smart Devices बनाती है , जो कि Android OS के Free उपलब्ध होने से पहले स्वंय के Platform को Use
करते हुए सस्ते Smart Devices बनाते थे |
इसलिए जब हम Android
Platform के लिए कोई App Design कर रहें होते
है , तो हम वास्तव में काफी High Quality के Applications
Develop कर रहें होते है जो कि Android के Open
Source Standards पर आधारित होते है और हम ये Android
Application , User को iPhone / iPad कि तुलना
में काफी कम कीमत पर अथवा मुफ्त उपलब्ध करवा रहें होते है क्योंकि Android आधारित Devices
काफी सस्ते होते है |
लेकिन Android आधारित Devices के लिए Program Develop करना थोड़ा मुश्किल होता है
,क्योंकि इस Devices की Screen सभी Dimensions
में काफी छोटी होती है ,इनके Keypad काफी छोटे
होते है जो कि Hardware Keypad के स्थान पर Software
Keypad होते है | इन
Devices
से सम्बंधित Pointing Devices भी काफी छोटे
होते है और जिन लोगो के हाथ की अंगुलियां बड़ी होती है उनके लिए ये छोटे Touch
Keypad Buttons काफी परेशानी पैदा करते है |
इतना ही नहीं ,
इस Devices
के CPU व Memory की Speed
तथा Storage भी Desktop व
Server Computers की तुलना में काफी कम होते है जिसकी वजह से
इन Devices में बड़े Applications Software ठीक से Perform नहीं करते |
लेकिन Mobile
Phone के Application की सबसे बड़ी विशेषता भी
यही होती है , कि वे एक ऐसी Device में होते है , जिन्हें User
अपनी सुविधानुसार कभी भी और कही भी उपयोग में लेते हुए अपनी किसी Specific
जरुरत को पूरा कर सकता है |
लेकिन दूसरे Point
of View से देखें तो जब हम Android आधारित Application
Program Develop करना चाहते है , तब Android SDK के रूप में हमें हमेशा कुछ Standard Libraries के
साथ Programming Language के रूप में C++ अथवा Java जैसी Mature Languages को ही Use करना होता है और एक Standard
Framework को Follow करना होता है , जिसकी वजह
से एक Android Application Develop करना किसी Desktop
या Web Application Develop करने कि तुलना में
काफी आसान भी जाता है |
यानी Android
Application Develop करने के लिए केवल Core Java का Basic Knowledge होना ही पर्याप्त है और यदि आपको
Core Java का Basic Knowledge है , तो Android
Application Develop करने के लिए आपको केवल Android
Framework को ही समझना होता है , जो कि पूरी तरह से Java
Classes को एक व्यवस्थित तरीके से Use करना
मात्र है |
अन्य सब्दों में
कहों तो एक Java Programmer एक प्रकार से Android
Programmer भी होता है और यदि आपने कभी भी कोई Java Applet
Create किया है , तो Android App Development को
समझना आपके लिए बिलकुल भी मुश्किल नहीं होगा क्योंकि Java Applet की तरह ही एक Android App का भी निश्चित Methods
होते है और हमें केवल उन Methods को अपनी
जरुरत के अनुसार Override करना होता है तथा Google द्वारा Provide किए गए Android SDK की Libraries को Use करते हुए
ही Smart Device Screen , Keypad , Sensors आदि को Access
व Manipulate करना होता है |
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