Language Introduction
Language Introduction
भाषा , दो
व्यक्तियों के बीच संवाद , भावनाओं या
विचारों के आदान – प्रदान का माध्यम प्रदान करती है |
हम
लोगों तक अपने विचार पहुँचा सकें व अन्य लोगों के विचारों का लाभ प्राप्त कर सकें
इसके लिए जरुरी है की संवाद स्थापित करने वाले दोनों व्यक्ति के बीच का माध्यम
समान हो | यही संवाद का
माध्यम भाषा कहलाती है | अलग
– अलग स्थान , राज्य, देश , परिस्थितियों के अनुसार भाषा भी बदलती रहती है लेकिन
सभी भाषाओं का मकसद संदेशों या सूचनाओं का आदान प्रदान करना ही होता है |
ठीक इसी तरह
कंप्यूटर की भी अपनी कई भाषाएँ है , जो जरुरत व उपयोग के अनुसार विकसित की गई |
हम
जानते है , की कंप्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक मशीन मात्र है |
ये
हम सजीवों की तरह सोच विचार नहीं कर सकता है और ना ही हमारी तरह इनकी अपनी कोई
भाषा है, जिससे हम इनसे सम्बन्ध बना कर सूचनाओं का लेन – देन कर सकें |
इसलिए
कंप्यूटर को उपयोग में लेने के लिए एक ऐसी भाषा की जरुरत होती है , जिससे हम हमारी
भाषा में कंप्यूटर को सूचनाए दे व कंप्यूटर उसे उसकी मशीनी भाषा में समझे और हमारी
चाही गई सूचनाओं या परिणाम को हमें हमारी भाषा में दे ताकि हम उसे हमारी भाषा में
समझ सके |
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