Preprocessor Directive Program 1
Preprocessor Directive
Program 1
हमें किसी Program
में बार – बार PI के मान 3.142857142857124
की जरुरत पडती है | अब
इतने बड़े मान को बार – बार विभन्न Statements में बिना गलती के लिखना , नामुमकिन है |
किसी
न किसी Statement
में इसको Type करने में Mistake हो ही जाएगी
इस स्थिति में हम
एक Preprocessor
Directive का प्रयोग करके
इस मान को एक नाम प्रदान कर देने के बाद हमें जिस किसी भी स्थान पर Calculation
के लिए इस मान की जरुरत हो , हम उस
भासा को Use कर लेते है |
जब Program
को Compile करते है , तब Program
Compile होने से पहले उन सभी स्थानों पर जहां पर Preprocessor
का प्रयोग किया गया है , Preprocessor
को उसके मान से Replace कर देत है |
इस
तरह से Program
में Typing की वजह से होने वाली गलतियोंग से
बचा जा सकता है |
Program
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
#define PI 3.142857142857142
main ( )
{
printf(“Value of PI is =%15e”,PI);
getch( );
}
जब इस Program को
Run किया जात है , तब Output में %2.15e
Control String के स्थान पर मान 3.142857142857142 को Represent करने वाले Identifier PI के स्थान पर ये मान Expand हो जाता है और Screen पर घातांक रूप में Display हो जाता है |
चुकी Float प्रकार का Control String दसमलव के बाद केवल 6 अंको तक के संख्या को ही Display कर सकटा है इसलिए हमने इस Program के printf( ) function में %15e Control String का प्रयोग किया है | ये Control String Computer को ये Instruction देता है , की Screen पर Display किए जाने वाले मान में दसमलव के बाद कुल 15 digits Display होने चाहिए | ये Program जब compile किया जाता है तब Compile होने से पहले Convert हो जाता है
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
main( )
{
printf(“Value of PI is = %15e”, 3.142857142857142);
getch( );
}
|जब हम अपनी जरुरत
के आधार पर विभन्न प्रकार के Identifier Declare करते
है , तब किस प्रकार का Identifier Memory में Minimum
व Maximum कितने मान तक की संख्या को Hold कर सकता है , इस बात की जानकारी “C” Language के साथ
मिलने वाली “limits.h” नाम की Header File में दी गई है |
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